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K

KIRAN

सफर वही तक जहाँ तक तुम हो, नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो, वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर, खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।
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